Sunday 4 March 2012

Chandu ki Cycle (Hindi)




चंदू  की  साइकिल  बिल्कुल चंदू जैसी थी, 
चलती थी तो चंदू जैसे चुन चुन  करती रहती  थी,
handle उसका चंदू के हाथों  जैसा  ही  हल्का  था, 
pedal उसके चंदू के पैरों जैसे ही पतले थे, 
सीट उसकी चंदू के  पिछवाड़े  जैसी  चौड़ी  थी, 
carrier उसका चंदू  के  career जैसा  ही  छोटा  था ।
पर चंदू  की  दोस्त  वही  थी, वही  उसके  साथ  रहती  थी,
चंदू  के  भारी वज़न  को  बहुत  ही  आसानी  से  सहती  थी ।


लेकिन...
ऐसा  दिन  आया  जब  साइकिल  उसकी  टूट  गई,
आता देख  सांड  आगे  से  चंदू  से  वो  छूट  गई ।
ठीक  नहीं  कर  पाया  जब  montu mechanic  भी  उसको,
चंदू  के  daddy  ने  उसे  बेच  दिया  कबाड़ी को ।
चंदू  सब  कुछ  भूल  किताबों  में  डूब  गया  ऐसे,
जैसे  किसी  पुरानी  ख्वाहिश  को  सच्चा करना  था  उसे ।
फिर  जब  चंदू  बड़ा  हुआ, तो  अपनी  first कमाई  से  वो नई साइकिल  लेकर  आया,
अपनी  नई  मिली  चतुराई  से ।


लेकिन ... 
नई साइकिल  भी  बिल्कुल  चंदू  जैसी  ही थी,
कितिनी  भी  कोशिश  कर  लो  चुन  चुन  करती  रहती  थी,
सीट  उसकी  चंदू के पिछवाड़े  जैसी  चौड़ी  थी,
carrier उसका  चंदू  के  career जैसा ही छोटा था ।




सौजन्य 'उड़ान' (हिंदी फिल्म) २०१० 
लेखक: विक्रमादित्य मोटवाने, अनुराग कष्यप, कुमार देवांशु, सत्यांशु सिंह 



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